CHAUDHARY CHARAN SINGH,एक भारतीय राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी, और किसान नेता थे। उन्होंने भारत के पांचवें प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वे ‘किसानों के मसीहा’ के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि उन्होंने किसानों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जैसे कि ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम, 1950 और ‘छोटे किसानों की ऋण माफी योजना’।
CHAUDHARY CHARAN SINGH का प्रारंभिक जीवन:
जन्म म्रत्यु :
- 23 दिसंबर 1902 को नूरपुर गांव, मेरठ (वर्तमान में गाजियाबाद),के एक साधारण किसान परिवार में हुआ था |इनके पिता का नाम मीर सिंह और माता का नाम नेत्रा कौर था |CHAUDHARY CHARAN SINGH का निधन 29 मई 1987 को नई दिल्ली में हुआ था। वह 84 वर्ष के थे। उनकी मृत्यु हृदय गति रुकने से हुई थी। उन्हें दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट में अंतिम संस्कार दिया गया था।
प्रारंभिक शिक्षा:
- CHAUDHARY CHARAN SINGH ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के स्कूल में प्राप्त की।
- उन्होंने 1919 में मेरठ के गवर्नमेंट हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की।
- उन्होंने 1925 में आगरा कॉलेज (वर्तमान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय) से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की।
CHAUDHARY CHARAN SINGH का राजनीतिक करियर:
शुरुआत:
- CHAUDHARY CHARAN SINGH का राजनीतिक करियर 1937 में शुरू हुआ जब वे पहली बार चापरोली विधानसभा के लिए चुने गए।
- 1938 में विधानसभा कृषि उपज बाज़ार विधेयक पास किया
- स्वतंत्रता के दौरान महात्मा गाँधी के विचारों का अनुसरण किया
- 1930 में नमक कानून के उल्लंघन पर 12 साल की जेल हुई
- वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे।
- 1946 में, वे कांग्रेस सरकार में गोविन्मेंद बल्लभ पन्त के कार्यकाल में संसदीय सचिव बने।
- 1951 में, वे उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बने।
मुख्यमंत्री:
- 1967 में, CHAUDHARY CHARAN SINGH उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
- उन्होंने ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम, 1950 को लागू किया।
- उन्होंने ‘छोटे किसानों की ऋण माफी योजना’ शुरू की।
उप प्रधानमंत्री:
- 1977 में, CHAUDHARY CHARAN SINGH जनता पार्टी की सरकार में उप प्रधानमंत्री बने।
- उन्होंने ‘आर्थिक नीति का नया रास्ता’ पेश किया।
प्रधानमंत्री:
- 1979 में, CHAUDHARY CHARAN SINGH भारत के पांचवें प्रधानमंत्री बने।
- उनका कार्यकाल अल्पकालिक था और 1980 में समाप्त हो गया।
राजनीतिक दल:
- CHAUDHARY CHARAN SINGH ने अपने राजनीतिक करियर में कई राजनीतिक दलों का नेतृत्व किया।
- इनमें भारतीय लोक दल, भारतीय किसान मजदूर पार्टी और लोक दल शामिल हैं
- भाई-भतीजेवाद के सख्त खिलाफ थे
CHAUDHARY CHARAN SINGH द्वारा लिखी गई पुस्तकें:
CHAUDHARY CHARAN SINGH एक भारतीय राजनेता, स्वतंत्रता सेनानी और किसान नेता थे। वे एक कुशल लेखक भी थे जिन्होंने कई पुस्तकें लिखीं। उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें इस प्रकार हैं:
किसानों की भूसंपत्ति (1968)
‘ज़मींदारी उन्मूलन’,
‘भारत की गरीबी और उसका समाधान
संयुक्त खेती X-रे
up और कुलको में भूमि सुधार
उत्तरप्रदेश में कृषि क्रांति
INTERESTING FACTS- CHAUDHARY CHARAN SINGH
- भारत के 5वे प्रधानमंत्री रहे
- 1980 में खुद की पार्टी ”लोकदल” बनाई
- जवाहरलाल नेहरु की समाजवादी और सामूहिक भूमि नीति का विरोध किया
- उनके जनमदिन को भारत में हर साल किसान दिवस मनाया जाता है
- लखनऊ के अमोसी हवाईअड्डे का नाम बदलकर,चौधरी चरण सिंह अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डा रखा
- मेरठ विश्वविद्यालय का नाम बदलकर ,चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय रखा गया
- 2 बार up के मुख्यमंत्री रहे
- 2024 में भारत रतन से सम्मानित
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FAQ
1. चौधरी चरण सिंह कौन थे?
CHAUDHARY CHARAN SINGH एक भारतीय राजनेता, किसान नेता, और भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। उन्हें “किसानों का मसीहा” के रूप में जाना जाता था।
2. उनका जन्म कब और कहां हुआ था?
उनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था।
3. उन्होंने अपनी शिक्षा कहां से प्राप्त की?
उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री प्राप्त की।
4. वे राजनीति में कब शामिल हुए?
वे 1930 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए।
5. वे किन पदों पर रहे?
- उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री (1951-1952)
- उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री (1967-1968)
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1970)
- भारत के प्रधानमंत्री (1979)
6. उनकी मृत्यु कब और कैसे हुई?
उनकी मृत्यु 29 मई 1987 को हृदय गति रुकने से हुई थी।
7. उन्हें “किसानों का मसीहा” क्यों कहा जाता था?
उन्होंने किसानों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जैसे कि भूमि सुधार और ऋण माफी।
8. उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?
- भूमि सुधार कानून
- ऋण माफी योजना
- शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
9. उनकी राजनीतिक विचारधारा क्या थी?
वे समाजवादी थे और उन्होंने गरीबों और किसानों के हितों के लिए काम किया।
10. उनकी विरासत क्या है?
उन्हें आज भी किसानों और गरीबों के नेता के रूप में याद किया जाता है।