आज internet की hyper-connected दुनिया में mobile phone एक ज़रूरत बन गया है| जिसके उपयोग ने ज़िन्दगी को और आसान बना दिया है|साथ ही bachchon me mobile ke side effects भी देखने को मिलते है|
इन दिनों smart phone का इस्तेमाल करना हर किसी के लिए आम बात हो गई है| बच्चें हो या बुजूर्ग सभी के हाथ में smartphone नज़र आता ही है|internet के उपयोग ने एक ओर जहा लोगों की life को easy बना दिया है,जिसकी मदद से तकनीकी दुनिया में जुड़ना काफी हद तक आसान हो गया है वहीं इसे ज्यादा use करने से लोगो को नुक्सान भी पहुंचा है |खासतौर से आज internet की hyper-connected दुनिया में mobile phone एक ज़रूरत बन गया है| जिसके उपयोग ने ज़िन्दगी को और आसान बना दिया है|साथ ही bachchon me mobile ke side effects भी देखने को मिलते है| ज्यादा देखने को मिलते है |
आइये jiorelationship.com के इस artical में हम bachchon me mobile ke side effects के बारे में जानेंगे ओर सीखेंगे कैसे हम बच्चों की इस आदत में सुधार ला सकते है |
mobile,बच्चों को entertain करने ओर उन्हें व्यस्त रखने का सबसे बेहतरीन तरीका है पर इसके कुछ side effect भी है..
Table of Contents
bachchon me mobile ke side effects
1-याददाश्त में कमी-
आज-कल बच्चों की पढाई में सबसे बड़ा रोड़ा technology और mobile phone का इस्तेमाल है | जिससे बच्चें हर चीज़ का instent हल चाहते है|चीजों को याद रखने में उन्हें problem होती है |ये उम्र बच्चों में याददाश्त ओर मानसिक विकास की पहली सीढ़ी होती है |पर मोबाइल के ज्यादा उपयोग से बच्चो में बहुत से नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते है बच्चे बात-बात पर चिडचिडेऔर गुस्सैल स्वभाव के हो जाते है साथ ही उनकी पढाई में भी गिरावट आती है |
2-ब्लू रेडिएसन का effect-
मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से याददाश्त में कमी के साथ-साथ उससे निकलने वाली ब्लू रेस बच्चों के मानसिक स्वास्थ के ,अलावा उनकी आँखों की रौशनी को भी effect करती है और बच्चें की activity पर ग़लत प्रभाव डालती है |ब्लू rays के कारण हमारा शरीर मैलाटोनिन नामक sleep hormone बनाना बंद कर देता है जिससे बच्चों की नींद भी disturb होती है |
3-डिप्रेशन का बढ़ना
लगातार मोबाइल देखने से बच्चे में तनाव की स्तिथि बन सकती है,ज्यादातर बच्चों में देखा गया है की वो mobile में इस तरह से लीन हो जाते है की उनसे मोबाइल मांगने पर या मोबाइल नहीं देने पर आपके प्रति नकारात्मक behave करते हैऔर नाराज होकर या खाना नहीं खाने जैसी बातों को लेकर बैठ जाते है |लगातार इस तरह के बर्ताव से उनमें गुस्से के भावना पनपने लगती है ओर वह dipressed होते चले जाते है|इसलिए बच्चों को डांटकर या चिल्लाकर मना करने से अच्छा है कि उनसे प्यार से पेश आए |आज mobile phone एक ज़रूरत बन गया है| जिसके उपयोग ने ज़िन्दगी को और आसान बना दिया है|पर bachchon me mobile ke side effects भी देखने को मिल रहे है,जो एक विचारणीय विषय है | आज के busy schedule में perents बचपन से ही बच्चों में मोबाइल की लत लगा देते है ,जिसके कारण बच्चे घंटो तक मोबाइल पर समय बिताते है जो आगे चलकर उनके लिए बहुत सी problem create करता है |
4-पढाई का स्तर कम होना
इसमें कोई दो मत नहीं है की mobile से पढाई में बच्चों को काफ़ी मदद मिली है पर बच्चें इसमें इस तरह लीन रहते है की पढ़ते-पढ़ते कब वह अपने पसंदकी विडियो देखने या गेम खेलने में व्यस्त हो जाते है ओर पढाई से उनका ध्यान भटक जाता है |कई बार बच्चे स्कूल भी mobile लेकर जाते है छुट्टी में या फिर class में ही chat करने या game खेलने से वह important टॉपिक को कवर नहीं कर पाते परिणामस्वरुप उनका प्रेजेंटेशन low हो जाता है |
5-social media तक पहुँच
बच्चों के मन के बहुत साफ़ और बहुत चंचल प्रवति के होते है,इस उम्र में उन्हें हर बात को जानने की curiosity होती है| ऐसे में internet पर बहुत सा अनुचित data उपलब्ध है जो उनके लिए सही नहीं है|किसी भी गेजेट की तरह mobile का भी गलत इस्तेमाल हो सकता है |उनके friends या group से मिली किसी link के through वह pornography जैसी site पर जा सकते है यहाँ तक की photo का आदान-प्रदान कर उसे viral या फिर निजी जानकारी किसी को share कर सकते है जो उनके जीवन को लम्बे समय तक negative effect कर सकते है |
इसीलिए अपने बच्चे की screen time को तय करे उनकी मोबाइल history को चेक करते रहे |ओर उन्हें एसी ग़लत link या data की जानकारी देकर उन्हें digitaly aware करे |
6- posture में गड़बड़ी होना
कुछ बच्चों के बैठने का posture बिल्कुल भी ठीक नहीं होता है और वह mobile देखने में इतने busy रहते है कि घंटो तक कंधो ओर सर को झुककर एक ही तरह से बैठे रहकर injoy करते है जो बाद में उनके लिए कमर दर्द ,कंधे ओर सरदर्द की problem बन जाती है |इस तरह की problem बच्चो के साथ-साथ बड़ो के लिए भी आम होती चली जा रही है |
7-सामाजिक मेलजोल में कमी :-
आजकल बच्चों में देखा जा रहा है की वह मोबाइल की लत के कारण सोशल एक्टिविटी से दूर रहने लगता है जो सबसे commen साइड इफ़ेक्ट है | पर सही तरीके से सोचा जाये तो बच्चे ka सोशल होना बहुत जरुरी है ताकि वह बड़े होकर समाज ka एक जिम्मेदार नागरिक बन सके |
इसके साथ ही bachchon me mobile ke side effects कुछ इस तरह से भी होते है की वह-
.बाहर खेलने नहीं जाना
.नए दोस्त नहीं बनाना
.मोबाइल बिना खाना नहीं खाना जैसी हरकत करते है
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FAQ:-
Q .1- बच्चा अधिक मोबाइल देखता है तो उस पर क्या असर होगा ?
– मोबाइल के अधिक प्रयोग से ट्यूमर का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही आँखे कमजोर होने व मानसिक रोग भी बच्चे को घेर सकते हैं |
Q .2- बच्चे की mobile की लत कैसे छुड़वायें ?
-इसके लिए आप उन्हें गार्डन में ले जाएं, आउटडोर गेम्स या आउटडोर एक्टिविटी में लगाकर रखें ताकि बच्चा इतना थक जाए कि मोबाइल का इस्तेमाल करना याद न आए |
Q.-3 कितने उम्र के बच्चे को मोबाइल से दूर रखें ?
– वैसे तो बच्चों को 14 वर्ष की आयु तक मोबाइल ना दें , फिर भी जरुरी हो तो 4 वर्ष की आयु के बाद ही मोबाइल दें पर बहुत कम समय के लिए |