पिता का अलग होना बच्चों के लिए एक कठिन अनुभव होता है। यह उनके EMOTIONAL,MENTALऔर SOCIAL DEVELOPMENT को EFFECT कर सकता है। ऐसे में, बच्चों की परवरिश एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन जाता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि, perents ke seperation ke baad bachche ki parvarish kaise kare
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बच्चों के साथ खुलकर बातचीत
PERENTS का separation होना बच्चों के लिए एक कठिन समय होता है। इस दौरान, बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करना बेहद जरूरी है। इससे उन्हें safe महसूस होता है और वे अपनी FEELINGS को बेहतर तरीके से व्यक्त कर पाते हैं।
सच बोलना:
बच्चों को अपने separation के कारणों के बारे में सरल तरीके में बताना चाहिए। झूठ बोलने से बच्चों में भ्रम और असुरक्षा पैदा होती है। उन्हें उम्र के हिसाब से समझाया जा सकता है कि माँ और पिता अब एक साथ नहीं रहेंगे, लेकिन वे दोनों ही उन्हें बहुत प्यार करते हैं।
भावनाओं को समझना:
बच्चों की भावनाओं को समझना और उन्हें व्यक्त करने का मौका देना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें बताएं कि गुस्सा, दुख या भय जैसी भावनाएं महसूस करना सामान्य है। उनकी भावनाओं को समझे और उन्हें बताएं कि आप उनकी HELP के लिए हमेशा तैयार हैं।
सवालों के जवाब देना:
बच्चों के मन में कई सवाल उठ सकते हैं। उनके सवालों का धैर्यपूर्वक और ईमानदारी से जवाब दें। अगर आपको किसी सवाल का जवाब नहीं पता है तो उन्हें बताएं कि आप पता करके बताएंगे।
खुली बातचीत के फायदे:
जब बच्चे जानते हैं कि माता-पिता उन पर भरोसा करते हैं और वे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर सकते हैं, तो उनके और माता-पिता के बीच विश्वास का मजबूत बंधन बनता है खुली बातचीत से बच्चे अपनी भावनाओं को दबाने की बजाय उन्हें व्यक्त करते हैं, जिससे उनका भावनात्मक BOND बेहतर होता है। जब बच्चे अपने सवालों के जवाब पाते हैं और उनकी FEELINGS को समझा जाता है, तो STRESSFREE महसूस करते हैं। खुली बातचीत से बच्चों को इस बदलाव के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सकता है और वे आसानी से समझ जाते हैं।
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बच्चों को separation के प्रभाव से दूर रखे
PERENTS के separation होने के बाद, बच्चों को सबसे ज्यादा प्यार और सुरक्षा की जरूरत होती है। इस कठिन समय में, बच्चों को COMFORT करना बेहद जरूरी है कि वे SAFE हैं और उन्हें प्यार मिल रहा है।
प्यार और सुरक्षा का एहसास दिलाना
बच्चों को बार-बार बताएं कि आप दोनों ही उन्हें बहुत प्यार करते हैं। उन्हें यह महसूस कराएं कि आपकी भावनाएं उनके लिए बदली नहीं हैं। उन्हें गले लगाएं, KISS करें और उनके साथ TIME SPEND करे। यह उन्हें विश्वास दिलाएगा कि वे हमेशा आपके लिए IMPORTANT रहेंगे।
रूटीन बनाए रखना:
रूटीन बनाए रखना: बच्चों के DAILY LIFE में STABILITY लाने के लिए, उनके रूटीन को पहले जैसा ही बनाए रखें। सोने और उठने का समय, खाने का समय और अन्य ACTIVITY पहले जैसी ही रखें। यह बच्चों को एक निश्चितता प्रदान करेगा और उन्हें कम तनाव महसूस होगा।
POSITIVE माहौल बनाना:
separation के बाद भी घर में एक सकारात्मक और शांत वातावरण बनाना बहुत जरूरी है। बच्चों के साथ मज़ेदार ACTIVITIS करें, जैसे कि खेल खेलना, किताबें पढ़ना या बाहर घूमने जाना। इससे बच्चों का मन खुश रहेगा और वे इस कठिन समय को आसानी से पार कर पाएंगे।
बच्चों के बीच COMMUNICATION बनाए रखना
PERENTS ` के separation होने के बाद, बच्चों के बीच संचार बनाए रखना बेहद जरूरी है। इससे बच्चों को यह महसूस होता है कि वे दोनों के लिए IMPORTANT और उनके बीच कोई PROBLEMS नहीं है।
एक-दूसरे के बारे में POSSITIVE बातें करें:
बच्चों के सामने एक-दूसरे के बारे में हमेशा सकारात्मक बातें करें। NEGATIVE बातें करने से बच्चों में CONFUSION और गुस्सा पैदा हो सकता है।
बच्चों को दोनों से मिलने दें:
बच्चों को माता-पिता से मिलने और समय बिताने का समय जरुर दें। यह बच्चों को दोनों माता-पिता के साथ एक मजबूत बंधन बनाने में मदद करेगा।
एक-दूसरे का SUPPORT करें:
बच्चों की परवरिश में एक-दूसरे के साथ सहयोग करना बहुत जरूरी है। बच्चों के लिए कोई भी फैसला लेने से पहले एक-दूसरे से बात करें और एक सहमति पर पहुंचें। इससे बच्चों को यह महसूस होगा कि दोनों माता-पिता उनकी देखभाल के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।
बच्चों की EMOTION का ध्यान रखना
बच्चों को पेशेवर मदद लें:
यदि आप देखते हैं कि आपके बच्चे बहुत ज्यादा परेशान हैं, TENS हैं, या उनके BEHAVIOR में बदलाव आ रहा है, तो उन्हें किसी PSYCHIATRIST या काउंसलर की मदद ले। एक SPECIALIST बच्चों को उनकी FEELINGS को समझने और उनसे निपटने में मदद कर सकता है।
अपने आप का ख्याल रखें:
जब आप अपने बच्चों की देखभाल कर रहे होते हैं, तो यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपको भी अपनी देखभाल करनी चाहिए। स्वस्थ भोजन करें, नियमित रूप से Excerciseकरें, पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने के लिए कुछ समय निकालें। जब आप स्वस्थ और खुश रहेंगे, तो आप अपने बच्चों को बेहतर तरीके से SUPPORT दे पाएंगे।
बच्चों के FUTURE के लिए PLANING करना
एसी सिचुएशन में , बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए योजना बनाना बेहद जरूरी है। बच्चों की EDUCATION औ र CAREER पर ध्यान देना इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- अच्छा स्कूल: बच्चों को एक ऐसे स्कूल में दाखिला दिलाएं जहां उन्हें अच्छी शिक्षा मिल सके। स्कूल का चुनाव करते समय बच्चों की रुचियों और क्षमताओं को ध्यान में रखें।
- EDUCATIONL ACTIVITIES : बच्चों को विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे कि ट्यूशन, कोचिंग क्लासेस, या अतिरिक्त पाठ्यक्रम।
- एजुकेशनल TRIP : बच्चों को शैक्षिक यात्राओं पर ले जाएं ताकि वे नए लोगों और संस्कृतियों से मिल सकें और अपना ज्ञान बढ़ा सकें।
- पुस्तकालय: बच्चों को पढ़ने की आदत डालें और उन्हें पुस्तकालय ले जाएं।
माता-पिता का separation , बच्चों के लिए भी एक इमोशनली अनुभव होता है, लेकिन सही तरीके से निपटने पर बच्चे इस स्थिति से उबर सकते हैं। इन बताए गए IDEAS का पालन करके आप बच्चों की PERENTING में उनकी मदद कर सकते हैं और उन्हें एक खुशहाल जीवन जीने में सक्षम बना सकते हैं।
FAQs
1. बच्चों को कैसे समझाएं कि माता-पिता separation हो रहा हैं?
बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार सीधी और स्पष्ट भाषा में बताएं कि आप दोनों अलग हो रहे हैं। झूठ बोलने से बचें।
2. बच्चों को भावनात्मक सहारा कैसे दें?
बच्चों को समय दें और उनकी बात ध्यान से सुनें।
3. बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी कैसे साझा करें?
separation के बाद दोनों माता-पिता मिलकर बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी साझा करने के लिए एक स्पष्ट समझौता करें।
4. बच्चों को तलाक के नकारात्मक प्रभावों से कैसे बचाएं?घर में सकारात्मक माहौल बनाए रखें। बच्चों को तलाक के लिए दोष न दें।
5. बच्चों के मन में उठने वाले सवालों का जवाब कैसे दें?
बच्चों के सवालों का ईमानदारी से और उनकी उम्र के अनुसार जवाब दें।